गोंडा:कुंवर अजय प्रताप सिंह उर्फ लल्ला भैया गोंडा की राजनीति का वो दिलेर नाम जिसे लोग बड़े अदब के साथ लिया करते थे। आज लल्ला भैया का निधन हो गया। उनके निधन से पूरे जिले में शोक की लहर है। उनका निधन जैसे एक युग का अंत हो गया हो। लल्ला भैया का निधन लखनऊ के मेदांता अस्पताल में हुआ। लंबे समय से वह बीमार चल रहे थे । करीब 1 वर्ष पूर्व उन्हें दिल का दौरा पड़ा था कुंवर अजय प्रताप सिंह लल्ला भैया का राजनीतिक सफर काफी शानदार रहा। उनकी राजनीतिक यात्रा में कई उतार-चढ़ाव आए, लेकिन उन्होंने हमेशा जनता के लिए काम किया और उन्हें अपने कार्यों से प्रभावित किया। लल्ला भैया ने वर्ष 1989 में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में राजनीति में कदम रखा और करनैलगंज विधानसभा सीट पर जीत दर्ज की। इसके बाद उन्होंने 1991, 1993, 1996, 2007 और 2017 में विधानसभा चुनाव जीते।करनैलगंज ब्लॉक प्रमुख पद अधिकांश समय तक उनके परिवार में ही बना रहा। उन्हें अधिकांश लोग अपना राजनीतिक गुरु भी मानते थे। कुंवर अजय प्रताप सिंह उर्फ लल्ला भैया 2007 में कांग्रेस से विधायक बने लेकिन डेढ़ साल बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया और 2009 में अपनी बहन कुंवरि बृज सिंह को अपनी सीट पर बसपा से चुनाव लड़ाया और जीत दर्ज की। कुंवर अजय प्रताप सिंह उर्फ लल्ला भैया बरगदी कोट करनैलगंज के कुंवर कन्हैया कहे जाते थे। उनके पिता मदन मोहन सिंह 1967 में निर्दलीय चुनाव लड़े और अच्छे मतों से जीते। कुंवर अजय प्रताप सिंह लल्ला भैया ने भी पिता के तर्ज पर अपना राजनीतिक सफर निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में शुरू किया था। कुंवर अजय प्रताप सिंह लाला भैया के दो सुपुत्र वेंकटेश मोहन सिंह और सारदेन मोहन सिंह है। लल्ला भैया के अस्वस्थ हो जाने के बाद उनके बेटे शारदेन मोहन सिंह ने 2022 के चुनाव में भाजपा के टिकट पर चुनाव लडने की दावेदारी पेश की थी । लेकिन टिकट न मिल पाने की वजह से उन्हें मौका नहीं मिल पाया।यूपी टाइगर के नाम से मशहूर कुंवर अजय प्रताप सिंह उर्फ लल्ला भैया के अगर रिश्तो की बात करें तो जिले के अलावा प्रदेश भर के तमाम पार्टियों के नेताओं से उनके अच्छे संबंध थे। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के भी वह बेहद गरीबी माने जाते थे। उनका निधन गोंडा वीडियो के लिए अपूरणीय क्षति है।