गौतमबुद्धनगर। भारतीय जनता पार्टी द्वारा चलाए जा रहे विकसित भारत संकल्प यात्रा के दौरान इन दिनों भाजपा के कार्यकर्ता गांव गांव जाकर पार्टी की नीतियों को बताने का कार्य कर रहे हैं। इसी कार्यक्रम के तहत गौतम बुद्ध नगर के सांसद व पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ महेश शर्मा बीते 18 जनवरी 2024 को सिकंदराबाद विधानसभा क्षेत्र के ग्राम सुनपेडा में जा रहे थे। उनका काफिला जब गांव में प्रवेश कर रहा तो वर्तमान प्रधान हरवीर उनकी गाड़ी में बैठे हुए थे। लेकिन रास्ते में पूर्व प्रधान रहे सील सिंह अपने समर्थकों के साथ सांसद डॉक्टर महेश शर्मा का स्वागत करने के लिए खड़े थे । उनके इस भाव को देखते हुए सांसद डॉक्टर महेश शर्मा ने गाड़ी से उतरकर वहां पर उपस्थित लोगों का अभिवादन स्वीकार किया। लेकिन गाड़ी में बैठे वर्तमान प्रधान हरवीर को यह बात अच्छी नहीं लगी।उनका कहना था कि निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार सांसद पहले कार्यक्रम में ना जाकर पूर्व प्रधान के स्वागत में सम्मिलित हो गए। इस बात पर वर्तमान प्रधान के समर्थकों को भी गुस्सा आया। लेकिन जब तक प्रधान अपने समर्थकों को समझाते तब तक भीड़ में मौजूद डॉक्टर महेश शर्मा के कुछ विरोधियों ने मौके का फायदा उठा लिया। उन्होंने जोर-जोर से नारा लगाना शुरू कर दिया कि डॉक्टर महेश शर्मा वापस जाओ। इतना ही नहीं कुछ समाचार सुर्खियों में यह दिखाया गया की भीड़ ने धक्का देकर सांसद डॉक्टर महेश शर्मा को वापस भेज दिया। लेकिन जिस व्यक्ति को धक्का दिया जा रहा है वह सांसद डॉक्टर महेश शर्मा नहीं बल्कि कोई और है। बीते कुछ दिन पूर्व भी ऐसे ही सांसद को बदनाम करने के लिए एक सभा के बीच में कुछ चुनिंदा विरोधी बैठ गए और वह सांसद डॉक्टर महेश शर्मा का विरोध करने लगे । लेकिन सभा में उपस्थित लोगों ने इस घटना की कड़ी निंदा की।
हालांकि सुनपेडा गांव में वह कार्यक्रम भी हुआ सांसद डॉक्टर महेश शर्मा वहां पर पहुंचे ग्राम वासियों ने उनका जोरदार स्वागत किया। कार्यक्रम समाप्त होने के बाद वर्तमान प्रधान के घर पर भी सांसद डॉक्टर महेश शर्मा गए और वहां पर जलपान भी किया। लेकिन सांसद डॉक्टर महेश शर्मा के विरोधियों ने सोशल मीडिया पर इस वीडियो को तोड़ मरोड़ कर खूब वायरल किया कि गांव वालों ने सांसद का विरोध करके वापस भेज दिया।
सांसद के खिलाफ चलाए जा रहे प्रोपेगेंडा के राजनीतिक मायने
सांसद के खिलाफ चलाए जा रहे प्रोपेगेंडा के कुछ राजनीतिक मायने भी है। जिसका पहला उद्देश्य यह है की सांसद के विरोध की जितनी झूठी खबरें फैलाएंगे उतना ही पार्टी का विश्वास उनके प्रति कम होगा और लोकसभा चुनाव की टिकट किसी और को मिल जाएगी। इतना ही नहीं सांसद के विरोधी लोगों को ढूंढ-ढूंढकर वीडियो बनवाकर वायरल कर रहे हैं और यह पूरी भूमिका बनाने में पार्टी के ही कुछ माननीय लोगों का हाथ है।
सांसद के सरल स्वभाव का विरोधी उठा रहे फायदा
चाहे भारतीय जनता पार्टी हो या फिर अन्य कोई राजनीतिक दल कुछ विधायक व सांसद के नामों के साथ बाहुबली शब्द का इस्तेमाल किया जाता है। अब उन नेताओं को लोग बाहुबली क्यों कहते हैं यह सभी लोग भली-भांति जानते हैं। लेकिन सांसद डॉक्टर महेश शर्मा का बाहुबली जैसे शब्द से दूर-दूर तक राजनीतिक जीवन में नाता नहीं रहा। जिस प्रकार से वह डॉक्टर रहते हुए लोगों से बात करते थे । उसी प्रकार से सांसद रहते हुए भी वह लोगों से बात करते हैं।
जिसका फायदा उनके विरोधी भरपूर उठाते हैं।