भारतीय किसान संगठन ने गाजीपुर बॉर्डर पर शहीद-ए-आजम भगत सिंह का 114वां जन्मदिवस मनाया राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेन्द्र यादव द्वारा शहीद भगतसिंह के चित्र पर माल्र्यापण किया। उसके बाद रस्सा खींचकर जोर आजमाइश की गई।इस अवसर पर राजेंद्र यादव ने शहीद-ए-आजम भगत सिंह जी के जीवन पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि शहीदे-ए-आजम का जन्म 27-28 सितम्बर मध्य रात्रि में 1907 में लायलपुर जिले के बंगा गांव में हुआ था जो अब पाकिस्तान में है। भगत सिंह पूरा परिवार क्रान्तिकारी था। भगतसिंह की फाँसी को रोकने के लिए पूरी दुनिया के लाखों लोगों ने इस बारे में पत्र लिखा जिसमे से कुछ तो खून से लिखे गये थे। लेकिन उन्होने देश कि आजादी के लिए हंसते हुए फांसी स्वीकार किया और उन्होंने महज 23 साल की आयु में ही देश की आजादी के लिए अपने प्राणों को न्यौछावर कर दिया। इनके पिता किशन सिंह व माता विद्यावती ने बचपन से ही भगत सिंह को देशभक्ति व अन्याय के खिलाफ लड़ने के शिक्षा दी। भारतीय किसान संगठन के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव यादव ने कहा खुद में देशभक्ति के जज्बे को भरने के लिए शहीद भगत सिंह का नाम ही काफी है उनमें देश के प्रति इतना प्रेम था कि वह हँसते-हँसते फांसी के फंदे पर झूल गये। समाज में फैली शोषण व अमीरी गरीबी की खाई को भगत सिंह के रास्ते पर चलकर ही मिटाया जा सकता है इस अवसर पर रामपाल ,राजपाल ,करतार सिंह, पर्वजोत सिंह बृजमोहन सागर, सिद्धू ,गणेश ,हरि सिंह आदि शामिल रहे।