ग्रेटर नोएडा । विजय कौशल महाराज का ग्रेटर नोएडा में मंगलमय परिवार के मिलन समारोह में भक्ति के मूल मन्त्रों का दिया सन्देश – सुप्रसिद्ध कथावाचक परमपूज्य संत विजय कौशल महाराज जी के सानिध्य व मार्ग दर्शन में मंगलमय परिवार मिलन समारोह का आयोजन शनिवार देर शाम मंगलमय ग्रुप ऑफ़ इंस्टीट्युटस नालेज पार्क 2 में सम्पन्न हुआ i मंगलमय परिवार से जुड़े हजारों कार्यकर्त्ताओं ने महाराज विजय कौशल जी का भव्य स्वागत किया I विजय कौशल महाराज जी ने अपने संबोधन से पहले हमेशा की तरह मंगलमय परिवार के सदस्यों द्वारा धार्मिक विचारों से सम्बंधित मन में अनेकों संसय के सवालों का विस्तार से सन्तोष जनक जबाब दिया I महाराज ने कहा कि आप लोग सपरिवार सभी अनेकों कथा का श्रवण करते है, किताबें पढ़ते है, टेलीविजन पर कथा व प्रवचन सुनते है उसके बाद आपके मन में अनेकों प्रकार के सवाल उठते है, मन में विभिन्न प्रकार की भ्रांतियां उत्त्पन्न होती है लेकिन उनका जबाब पाने का कोई रास्ता या कोई मंच नहीं मिलता है और ऐसे सवालों के बोझ को आप अपने आपको हल्का नहीं कर पाते I इसीलिए मैंने अपने संबोधन या कथा से पहले आप लोगों से संवाद के माध्यम से हर सवालों के जबाब बताने का प्रयास करता हूँ I अपने संबोधन में आगे उन्होंने मनुष्यों के विषम परिस्तिथियों से न घबड़ाने की सलाह देते हुए कहा कि समस्याओं से तो भगवान् नहीं बच पाए हम तो इंसान है और अपने कर्मों का फल यही भुगतना पड़ता है, शुभ कार्य के शुभ फल तथा अशुभ कार्य के अशुभ फल का भागीदार बनना ही पड़ेगा I भगवान् राम के पिता दशरथ अपने पुत्रों के वियोग में तड़प तड़प के प्राण त्यागे क्यों कि श्रवण के पिता वैसे ही तड़प तड़प कर प्राण दिए थे और उसी अनजाने के अशुभ कार्य का परिणाम रहा जो उनको भोगना पड़ा I भगवान् राम का जीवन कालखंड गंभीरता परिपूर्ण रहा I जब उन्होंने कृष्ण जी का अवतार लिया तो ये सन्देश दिया हंस के नाच गा के मौज मस्ती करते हुए भी जीवन को जिया जा सकता है I महाराज जी ने अपने ग्रेटर नोएडा के मंगलमय परिवार मिलन समारोह में मुख्य उद्देश्य को रखते हुए सभी को भावुक कर दिया उन्होंने कहा कि हम अपने जीवन के उस अंतिम पडाव में पहुँच चुका हूँ जहाँ से मेरा कभी भी बुलावा आ सकता है और सभी की ये इच्छा होती है कि जाने से पहले वो अपने सभी लोगों को कुछ देकर जाए ऐसी ही हमारी भी इच्छा है और वो इच्छा आगामी महीनों में पुरे एक महीने का कथा की सम्पूर्ण कथा रहेगी जिसमे आप सभी सादर आमन्त्रित है और इस कथा की सम्पूर्ण रिकॉर्डिंग करके एक एक पेन ड्राइव सभी तक पहुँच जाय और उस कथा को जब चाहो लगाकर सुन लो I वृन्दावन में आने वाले दूर दराज के श्रद्धालुओं के दुर्दशा की चर्चा करते हुए बताया कि जब वो आते थे तो उनके रहने खाने पीने की अनेकों समस्याओं का दृश्य बहुत पीड़ा पहुंचाती थी जिसमे रोड पर खाना बनाने से लेकर सौंच की समस्या होती थी जब इसके बारे में माननीय योगी जी से बात हुई तो उन्होंने इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए करोड़ों की बिल्डिंग बनाकर दे दी सभी सुविधाओं से परिपूर्ण है, श्री जी रसोई के नाम से चल रहे भंडारे में लाखों लाखों श्रद्धालु लाभ ले रहे है उनका आनन्द देखने लायक होता है साथ में सभी से आह्वान किया कि श्री जी रसोई से सभी जुड़े अपना योगदान दे तथा सभी को इसकी जानकारी दे कि जो भी वृन्दावन बांकेबिहारी जाय श्री जी रसोई का प्रसाद जरुर ग्रहण करें I संबोधन के अन्तिम कड़ी में उन्होंने दो बाते जीवन का हिस्सा बनाने के लिए सभी आग्रह किया एक घर से निकलते समय कही जाय सबसे पहले आपके घर के मन्दिर में जो भी देवी देवता है उनको प्रणाम करते हुए बताये कि मै वहां जा रहा हूँ और आते समय भी बताये कि मै आ गया हूँ, दूसरा सोने से पहले नेत्रों को बंद करते हुए तीन बार प्रभु का स्मरण करे I इस मिलन समारोह में आये सभी हजारों श्रद्धालुओं ने नाश्ते और संबोधन के बाद भोजन प्रसाद ग्रहण किया I